तथ्य और मिथक

मिथक:होम्योपैथी असर करने में धीमी है।
तथ्य:वास्तव में नहीं, होम्योपैथिक दवाएं तेजी से काम करती हैं और उनका प्रभाव लंबे समय तक रहता है क्योंकि यह बीमारी को उसके मूल कारण से हटा देती है, राहत का समय बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है।
मिथक: होम्योपैथी एक प्लेसबो है।
तथ्य: अब तक कई अध्ययनों से पता चला है कि लाखों मामलों में होम्योपैथिक दवाओं के अद्भुत परिणाम देखे गए हैं; चमत्कारी प्रभाव।
मिथक:होम्योपैथिक दवा लेते समय खाने-पीने की कई पाबंदियाँ होती हैं।
तथ्य:होम्योपैथिक दवाएँ मुँह में घुल जाती हैं, इसलिए रोगियों को खुराक लेने से 15 मिनट पहले या बाद में कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है; ताकि यह दवा के प्रभाव को कम न करे।
मिथक: होम्योपैथिक को अन्य दवाओं के साथ नहीं लिया जा सकता।
तथ्य: होम्योपैथिक दवा को अन्य दवाओं के साथ बिना किसी साइड इफ़ेक्ट और जटिलताओं के डर के लिया जा सकता है।
मिथक: होम्योपैथी केवल बच्चों के लिए अच्छी है।
तथ्य: होम्योपैथी न केवल बच्चों के लिए अच्छी है बल्कि वयस्कों के लिए भी उतनी ही प्रभावी है। लेकिन चूँकि बच्चे इसके मीठे स्वाद के कारण मीठी गोलियाँ खाना पसंद करते हैं, अगर हम बच्चों को शुरू से ही दवा दें तो यह एक स्वस्थ पीढ़ी को जन्म देगी क्योंकि होम्योपैथिक दवा बीमारी को जड़ से खत्म कर देती है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा देती है। शरीर
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